पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
The mother hen Maina needs his passion, His left aspect adorns an enchanting form. He holds a trident in his hand, a image of electric power, Always destroying the enemies.
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
तुरत षडानन Shiv chaisa आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
श्रावण मास विशेष : शिव बिल्वाष्टकम् का पाठ,देगा मनचाहा लाभ
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥ लै त्रिशूल Shiv chaisa शत्रुन को मारो ।